Healthy Life Tips: शरीर की सही कार्यप्रणाली खासकर हृदय और मांसपेशियों को बेहतर रखने के लिए सोडियम और पोटैशियम का सही संतुलन आवश्यक है। इन दोनों इलेक्ट्रोलाइट्स से शरीर में द्रव संतुलन, नर्व संकेतों और सही रक्तचाप बनाए रखने में मदद मिलती है, लेकिन आज की जीवनशैली में पैकेटबंद खाद्य पदार्थों के जरिए, नमक का असंतुलित सेवन हो रहा है, इससे युवाओं में भी अब हाइपरटेंशन और कार्डियोवैस्कुलर जैसी बीमारियों का जोखिम देखा जाने लगा है। सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करने का सबसे बेहतर तरीका है-टेबल सॉल्ट से दूरी।
हालांकि, जो लोग पूरी तरह से स्वस्थ हैं यानी जिन्हें हाइपरटेंशन, हृदय, किडनी, लिवर आदि से जुड़ी कोई बीमारी नहीं है, उन्हें नमक के प्रयोग को लेकर ज्यादा परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, पर अधिकता से बचना है। हाइपरटेंशन, स्ट्रोक और हृदय से जुड़ी बीमारियों के बढ़ते जोखिम को कम करने मंे एक कारगर उपाया है। सोडियम और पोटैशियम की संतुलित मात्रा। इसके लिए भोजन में नमक की क्या हो सही मात्रा और बीमारियों से बचाव में क्या-क्या हैं इनके लाभा, आइए जानते हैं।
स्वास्थ्य परेशानी है तो बढ़ाएं सतर्कता
टापके भोजन में अगर किसी भी तत्व की कमी या अधिकता हो जाए तो वह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ही होती है। अगर भोजन में आप नमक की मात्रा को सामान्य (तीन से पांच ग्राम तक) रखते हैं तो आम तौर पर कोई गंभीर परेशानी होने की आशंका नहीं रहती है। नमक की अधिकता से परेशानी तब बढ़ती है, जब पहले से ही ब्लडप्रेशर, हार्ट, किडनी या शरीर से फ्लूड जमा होने जैसी किसी दिक्कत का आप सामना कर रहे होते हैं। वहीं, अगर रक्त में सोडियम की पहले से ही अधिकता है तो नमक का अधिक सेवन और भी मुश्किलें पैदा कर सकता है। इससे सांस फूलने जैसी परेशानी आ सकती हैं। ब्लड प्रेशर होने की दशा में नमक की अधिकता नुकसानदेह होती है। इसी तरह शरीर में पहले से द्रव की अधिकता है तो सोडियम की मात्रा को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है।
मिनरल्स का हो संतुलन
शरीर में कई सारे मिनरल्स एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए सहायक होते हैं। इनकी कमी या अधिकता होने पर मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर होता है, खासकर सोडियम की संतुलित मात्रा मानसिक सेहत के लिए जरूरी है। उम्रदराज और अस्वस्थ लोगों के लिए सोडियम की मात्रा हमेशा चिकित्सकीय सलाह के आधार पर ही तय करें। इसी तरह पोटैशियम हृदय और मांसपेशियों की बेहतरी के लिए आवश्यक होता है।
पौैष्टिक और संतुलित भोजन
शरीर को सोडियम, कैल्शियम के साथ-साथ मैग्नीशियम, जिंक, सेलीनियम आदि मिनरल्स की भी भरपाई भोजन के माध्यम से होती है। इसलिए भोजन का पौष्टिक और असंतुलित होना जरूरी है। अगर इनमें से किसी की कमी होती है तो मेटाबोलिज्म, बालों का विकास और त्वचा की सेहत प्रभावित होती है। आयरन एक बहुत ही महत्वपूर्ण मिनरल है। इसका शरीर में संतुलन बहुत ही आवश्यक है। अगर शरीर की कार्य प्रणाली दुरूस्त है तो फलों और सब्जियों से पोषक तत्वों की भरपाई हो जाती है।
संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी बातें
- सही और स्वास्थ्य भोजन करने की आदत का विकास करें।
- तनावमुक्त जीवनशैली और सक्रियता भरी दिनचर्या अपनाएं।
- प्रतिदिन छह से आठ घंटे की पर्याप्त और अच्छी नींद आवश्यक है।
- नियमित रूप से अपनी स्वास्थ्य जांच कराएं। अगर स्वास्थ्य समस्या है तो यह और जरूरी है।
- मानसिक सेहत के लिए भी जागरूक होने की आवश्यकता है।
लो-सोडियम भोजन को दें प्राथकिता
सामान्य तौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति को दिनभर में तीन से पांच ग्राम नमक की आवश्यकता होती है, लेकिन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं तो डाक्टर की सलाह से लो-सोडियम डाइट का विकल्प आजमाया जा सकता है। आज कई तरह के नमक उपलब्ध हैं, जिनमें सोडियम की मात्रा कम होती है। भोजन में नमक की समुचित मात्रा हो तो सोडियम की भरपाई हो जाती है। अतिरिक्त नमक या टेबल सॉल्ट से बचने का प्रयास करना चाहिए। सलाद में नमक, पापड़, चिप्स आदि का सेवन स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।
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