Martyrs Day 2025: इतिहास के काले पन्नों में सुनहरे अक्षरों में क्यों दर्ज है 30 जनवरी का दिन? जानिए इसका महत्व

Martyrs Day 2025: भारत में शहीद दिवस हर वर्ष की 30 जनवरी को मनाया जाता है, क्योकि इस दिन महात्मा गांधी को नाथूराम गोड़से द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसलिए 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई जाती है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ जाकर सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह करके देश की आजादी के लिये बड़ी भूमिका निभाई थी।

शहीद दिवस पर देश के लोग ऐसे शहीदों को याद करते हैं जिन्होंने हमारे देश की आजादी के लिये अपने जीवन को न्यौछावर कर दिया था। महात्मा गांधी जी ने देश की आजादी के लिये अंग्रेजों से पत्थर के चना चबाने जैसी लड़ाई लड़ी थी। आज हमारा देश अगर आजादी की सांस ले रहा है तो इन्हीं वीर शहीदों की बजह से। आइए जानते हैं की 30 जनवरी शहीद दिवस के क्या हैं महत्व और क्या है मुख्य वजह।

Martyrs Day 2025: भारतीय इतिहास में 30 जनवरी का दिन सुनहरे अक्षरों में है दर्ज

भारतीय इतिहास के पन्नों में 30 जनवरी का दिन काले सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। क्योकि 30 जनवरी को हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मृत्यु हुई थी। फिलहाल शहीद दिवस साल में दो बार मनाया जाता है पहला 30 जनवरी को एवं दूसरा 23 मार्च को। हर वर्ष 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। भारत देश आजाद होने के बाद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे नाम व्यक्ति ने उनकी दिल्ली में गोली मारकर हत्या कर दी थी। नाथूराम गोड़से ने गांधी जी को 3 गोली मारी थीं, इसलिए 30 जनवरी को भारत ब्लैड डे के रूप में मनाता है।

Martyrs Day 2025: 30 जनवरी पर क्या है इसका महत्व

हर वर्ष 30 जनवरी का दिन महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भारत के विद्यालयों एवं कॉलेजों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते हैं और महात्मा गांधी की पुण्यतिथि मनाई जाती है। इस दिन को ध्यान में रखते हुये शैक्षणिक संस्थानों में गांधी जी के जीवन पर विशेष रूप से विचार किया जाता है और बच्चों को उनके बारे में सत्य अहिंसा पर चलने के लिये प्रेरित भी किया जाता है।

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